Equity Mutual Fund: इक्विटी म्यूच्यूअल फंड, वे फंड होते है जो किसी कंपनी के शेयर या स्टॉक में निवेश करते है। इन फंड्स को ग्रोथ फंड भी कहा जाता है, क्योकि इक्विटी में ज्यादा रिटर्न यानि ब्याज मिलता है।
इक्विटी म्यूच्यूअल फंड कितने प्रकार के होते हैं
इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड को 5 अलग अलग श्रेणी में रखा गया है। जिसमें निवेश करने के अलग अलग तरिके है और निवेश अपने इच्छा अनुसार इन भी स्कीम में निवेश कर सकता है।
- प्रबंधन शैली (Management style)
- बाजार पूंजीकरण (Market capitalization)
- निवेश शैली (Investment style)
- विकास की संभावनाएं (Growth prospects)
- कर उपचार (Tax Treatment)
इक्विटी फंड प्रबंधन शैली(Equity Fund Management Style)
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि म्यूचुअल फंड कंपनी में एक फंड मैनेजर होता है, जो बाजार विशेषज्ञ और शिक्षित होता है और उसे शेयर बाजार और वित्तीय संसाधनों की पूरी जानकारी होती है। वह निवेशकों द्वारा निवेश किए गए पैसे को अच्छी कंपनियों और उनके शेयरों में निवेश करता है, क्योंकि उन्हें निवेश के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है तो फंड मैनेजर उनके लिए काम करते हैं। और इसके लिए एक छोटी सी फीस होती है। जिसे एक्सपेंस रेशियो (Expanse Ratio) के नाम से जाना जाता है। यह 1% से 2% है।
ये फण्ड दो प्रकार के होते है
- Active Mutual Fund
- Passive Mutual Fund
Active Mutual Fund
Active Mutual Fund में ही फण्ड मैनेजर आपके पैसे को मैनेज करता है, वह लगातार कम्पनी को ट्रैक करता है कि कब किस कम्पनी में निवेश करना चाहिए और और कब निकल जाना चाहिए। इन सब के लिए फण्ड मैनेजर AMC से सैलरी लेता है। उसकी सैलरी देने के लिए म्यूच्यूअल फण्ड कम्पनी निवेशक से पैसा लेती है जिसे Expanse Ratio या Exit Load भी कहा जाता है।
Passive Mutual Fund
कोई फंड मैनेजर नहीं होता है। ये फंड सेंसेक्स या निफ़्टी की नकल करते है जैसे जैसे सेंसेक्स behave करता है वैसे ही ये फण्ड बभी behave करते है। यानि कि जैसे जैसे सेंसेक्स बढ़ेगा तो आपका म्यूच्यूअल फण्ड भी बढ़ेगा। इस फण्ड में कोई भी exitload नहीं लगता।
Example – ETF (Exchange Traded Fund)
इक्विटी म्यूचुअल फंड बाजार पूंजीकरण के अनुसार – Equity Mutual Fund
ये म्यूचुअल फंड वे फंड हैं, जिन्हें बाजार पूंजीकरण के अनुसार विभाजित किया गया है। इसमें आपको 4 प्रकार के इक्विटी म्यूचुअल फंड दिखाई देंगे जिनके बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है।
- लार्ज कैप (Large Cap)
- मिड कैप (Mid Cap)
- स्मॉल कैप (Small Cap)
- मल्टी कैप (Multi Cap)
लार्ज कैप इक्विटी म्यूचुअल फंड (Large Cap)
कोई भी ऐसा म्यूच्यूअल फण्ड जो अपने एसेट्स का 80 % लार्ज कैप कम्पनी या उनके शेयर में निवेश करता है और 20% डेट में निवेश करें।
लार्ज कैप म्यूचुअल फंड अधिक स्थिर होते हैं, यहां जोखिम बहुत कम होता है और साथ ही रिटर्न भी कम होता है। अगर आप अपने पैसे को लेकर प्रोटेक्टिव हैं और एफडी, बॉन्ड, गोल्ड, डेट फंड से थोड़ा ज्यादा रिटर्न पाना चाहते हैं तो आप लार्ज कैप म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।
लार्ज कैप कम्पनी – देश की ऐसी टॉप 100 कंपनियां है, जो शेयर बाजार में लिस्ट है और जिनका मार्किट केपीटलाइजेशन सबसे ज्यादा है।
मार्किट केपीटलाइजेशन
मान लीजिये एक कम्पनी है जिसके एक शेयर की कीमत 1000/- है और उसके मार्किट में 1000 शेयर लिस्ट है तो उसक कम्पनी का मार्किट केपीटलाइजेशन 1 करोड़ है। ऐसी देश में 100 कपंनी है जो शेयर बाजार में लिस्ट है। उन्हें लार्ज कैप कम्पनी की लिस्ट में रखा जाता है।
मिड कैप इक्विटी म्यूचुअल फंड (Mid Cap)
कोई भी ऐसा म्यूच्यूअल फण्ड जो अपने एसेट्स का 65 % मिड कैप कम्पनी या उनके शेयर में निवेश करता है और 35% डेट में निवेश करें।
मिड कैप कंपनी में आपको लार्ज कैप फंड से ज्यादा रिटर्न देखने को मिलता है, परंतु इसी के विपरीत यहां पर आपको लार्ज कैप म्युचुअल फंड से अधिक जोखिम देखने को मिलेगा। यदि आप रिस्क थोड़ा रिस्क लेकर ज्यादा रिटर्न पाना चाहते हैं तो आप मिड कैप म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। हालांकि लम्बे समय की अवधि में आपको यहाँ पर हमेशा अच्छा रिटर्न मिलता है।
मार्केट केपीटलाइजेशन के हिसाब से 101 से 250वे नंबर तक जितनी भी कंपनियां आती हैं उन्हें मिड कैप कंपनियां कहा जाता है।
स्मॉल कैप इक्विटी म्यूचुअल फंड (Small Cap)
स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड वे फंड हैं जो अपनी संपत्ति का 65 प्रतिशत स्मॉल कैप कंपनियों में निवेश करते हैं और ₹35% स्मॉल कैप डेट फंड में निवेश करते हैं। स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड में आपको ज्यादा रिटर्न देखने को मिलता है लेकिन साथ ही यहां जोखिम भी काफी होता है। अगर आप ज्यादा जोखिम लेकर ज्यादा रिटर्न पाना चाहते हैं तो आप स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं, यहां आपको एक साल में 30% तक रिटर्न मिल सकता है।
मार्केट केपीटलाइजेशन के हिसाब से 251वे नंबर के बाद जितनी भी कंपनियां आती हैं उन्हें स्माल कैप कंपनियां कहा जाता है।
मल्टी कैप इक्विटी म्यूचुअल फंड (Multi Cap)
मल्टी कैप म्यूचुअल फंड वे फंड होते हैं जिनमें कंपनी अपनी संपत्ति का ₹65% लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियों में निवेश करती है। इस म्यूचुअल फंड में आपके निवेश पर जोखिम बहुत कम है, क्योंकि यहां लार्ज कैप, मिड कैप और स्माल कैप तीनों कंपनियों में निवेश किया जाता है। क्योंकि आपका पैसा सभी कम्पनिओं में निवेश हो रखा है तो आपको यहां कम जोखिम में ज्यादा रेतुर्न देखने को मिलेगा।
इस म्यूच्यूअल फंड की खाश बात ये है कि फंड मैनेजर जब चाहे अपने हिसाब से लार्ज कैप से मिड कैप या स्माल कैप में जा सकता है परन्तु एक निवेशक ऐसा करता है तो उसे एग्जिट लोड लगता है।
निवेश शैली (Investment style)
- कॉन्ट्रा इक्विटी फंड – Contra Equity Fund
- फोकस्ड इक्विटी फंड – Focused Equity Fund
- सेक्टोरल इक्विटी फंड – Sectoral Equity Fund
कॉन्ट्रा इक्विटी फंड – Contra Equity Fund
ये फंड वे फंड हैं जो उन कंपनियों में निवेश करते हैं जो आज बहुत खराब प्रदर्शन कर रही हैं लेकिन भविष्य में अच्छा प्रदर्शन दिखाएंगी। इस फंड में फंड मैनेजर लगातार ऐसी कंपनियों पर रिसर्च करते हैं और देखते हैं कि ये भविष्य में अच्छा प्रदर्शन करेंगी। इस फंड में फंड मैनेजर उन्हीं कंपनियों में निवेश करता है जो भविष्य में अच्छा प्रदर्शन करेंगी।
क्योंकि आज यह कंपनी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रही है लेकिन ये थोड़े समय के लिए है, भविष्य में यह कंपनी अच्छा प्रदर्शन करेगी।
जैसे आप एक उदाहरण ले सकते हैं, कोरोना के समय में सभी कंपनियां बहुत तेजी से गिरी थीं, लेकिन यह थोड़े समय के लिए था। आज के समय में कई कंपनियां अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। ऐसे समय में इस फंड में कंपनियों में निवेश किया जाता है। है।
फोकस्ड इक्विटी फंड – Focused Equity Fund
ये फण्ड अपने एसेट्स का 65% ऐसी 30 कपंनी में निवेश करते है, जिनके ऊपर फण्ड मैनेजर पूरी रिसर्च कर लेते है और लम्बे समय तक अच्छा प्रदर्शन करेगी।
फोकस्ड म्यूचुअल फंड वे फंड होते हैं जिनमें फंड मैनेजर 30 ऐसी कंपनियों पर फोकस करता है जो भविष्य में बहुत अच्छा रिटर्न देंगी। वैसे तो म्यूचुअल फंड 100 से 500 कंपनियों में निवेश करते हैं, लेकिन इस फंड में केवल 30 कंपनियों को चुना जाता है जो भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करेंगी या कर रही हैं। इस फंड में जोखिम बहुत ज्यादा है क्योंकि आपका पैसा ज्यादा डायवर्सिफाइड नहीं है लेकिन साथ ही यहां आपको रिटर्न भी काफी ज्यादा मिलता है।
सेक्टोरल इक्विटी फंड – Sectoral Equity Fund
यह फंड अपनी संपत्ति का 80% सिर्फ एक ही सेक्टर की कंपनी में निवेश करते हैंजैसे की बैंक, फार्मा, ऑटोमोबाइल आदि।
ये फंड बहुत जोखिम भरे फंड होते हैं क्योंकि इस फंड में आपका पैसा केवल एक ही सेक्टर की कंपनियों में निवेश किया जाता है। अगर उस सेक्टर की एक कंपनी गिरती है तो उसके साथ-साथ बाकी सभी कंपनियां भी धीरे-धीरे गिरने लगेंगी।
उदाहरण के लिए, यदि आपने किसी आईटी कंपनी में निवेश किया है और किसी सरकारी कानून या कोई भी नियम के वजह से किसी आईटी इंडस्ट्री के शेयर की कीमत कम हो जाती है, तो अन्य सभी आईटी कंपनियों के शेयर भी नीचे जाने लगेंगे। जिसका सीधा असर आपके म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम पर पड़ेगा।
विकास की संभावनाएं (Profits Distrubution & Growth prospects)
इस म्युचुअल फंड में तीन अलग कैटेगरी के फंड होते हैंजिन्हें उनके ग्रंथ और प्रॉफिट के हिसाब से अलग-अलग बांटा गया है
- डिविडेंड यील्ड इक्विटी म्यूचुअल फंड – Dividend Yield Equity Mutual Funds
- वैल्यू इक्विटी म्यूचुअल फंड – Value Equity Mutual Fund
- ग्रोथ इक्विटी म्यूचुअल फंड – Growth Equity Mutual Fund
डिविडेंड यील्ड इक्विटी म्यूचुअल फंड – Dividend Yield Equity Mutual Funds
ये म्युचुअल फंड वे फंड होते हैं, जो उन कंपनियों में निवेश करते हैं जो डिविडेंड देती हैं।
लेकिन यह जरूरी नहीं है कि कोई कंपनी डिविडेंड देगी और वह डिविडेंड आप तक पहुंचेगा, बल्कि कंपनियों को डिविडेंड को कई सालों तक अपने पास रखने का अधिकार होता है, कुछ कंपनियां ऐसी भी होती हैं जो डिविडेंड उत्पन्न ही नहीं कर पाती और न ही निवेशक दे पाती हैं।
इस फंड में फंड मैनेजर कंपनी पर रिसर्च करेगा और केवल उन्हीं कंपनियों में निवेश करेगा जो कई सालों से अच्छा लाभांश (डिविडेंड) दे रही हैं।
वैल्यू इक्विटी म्यूचुअल फंड – Value Equity Mutual Fund
इस फंड में फंड मैनेजर उन कंपनियों के स्टॉक में निवेश करता है जो भविष्य में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं और जिनके स्टॉक रेट अभी बहुत कम हैं। ऐसे म्यूचुअल फंड में फंड मैनेजर लगातार रिसर्च करके पता लगाता है कि कौन सी कंपनियां हैं। जो भविष्य में अच्छा प्रदर्शन करेगा
ग्रोथ इक्विटी म्यूचुअल फंड – Growth Equity Mutual Fund
यह फंड उन कंपनियों में निवेश करता है जिनमें उच्च विकास क्षमता और अच्छी कॉर्पोरेट आय होती है और अपने मुनाफे का पुनर्निवेश करता है ताकि कंपनी अच्छी तरह से विकास कर सके। यह कंपनी डिविडेंड देती है और कुछ नहीं भी देती अगर देती है तो बहुत कम।
टैक्स सेवर फंड (Tax saver fund )
यदि आप टैक्स बचाना चाहते हैं तो ये म्यूच्यूअल फंड सबसे अच्छे हैं जो आयकर धारा 80 सी के तहत छूट प्रदान करते हैं। इस फंड कोप दो अलग केटेगरी में बांटा गया है जैसे कि नीचे बताया गया है।
- ELSS Tax Saver Fund
- Non-ELSS Fund
ELSS Tax Saver Fund
ELSS की फूल फॉर्म है Equity Linked Saving Scheme
ELSS फंड वह फण्ड होता है जिसमे एसेट्स का 80% इक्विटी में निवेश किया जाता है और यहां 3 साल का लॉक इन पीरियड होता है। आप यहाँ से 3 साल बाद ही पैसा निकल सकते है। यदि आप 3 साल बाद पैसा निकालते है तो आपको Tax saving का फायदा मिलता है।
Income Tax Section 80c के अंतर्गत आपको 1.5 लाख टैक्स बेनिफिट मिलता है।
Non-ELSS Fund
ELSS फण्ड को छोड़कर सभी फण्ड Non-ELSS फण्ड होते है जिसमे आपको short term और long term captial gain tax लगता है। यदि आप एक साल से पहले पैसा निकलते है तो आपको 15% और एक साल के बाद पैसा निकलते है तो 10 % टैक्स लगता है।
निष्कर्ष
हम आशा करते हैं कि आपको किस आर्टिकल के माध्यम सेEquity Mutual Fund के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। हमने पूरी विस्तार से इक्विटी म्युचुअल फंड के बारे में आपके यहां पर जानकारी देने की कोशिश की है। इक्विटी म्युचुअल फंड कई प्रकार के होते हैं, परंतु उन सभी की अलग-अलग कैटेगरी में रखा गया है। आप म्युचुअल फंड में अपने जोखिम के अनुसार निवेश कर सकते हैं, इसीलिए अलग-अलग तरह के म्युचुअल फंड इक्विटी म्युचुअल फंड स्कीम बनाए गए हैं। यदि आपको अभी भी परेशानी आती है या आप कोई भी प्रश्न पूछना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं।